साख में दाग लगाने का एक रेंजर की कहानी जो खुद डकार गई दस करोड़ शाशकीय राशि,

साख में दाग लगाने का एक रेंजर की कहानी जो खुद डकार गई दस करोड़ शाशकीय राशि,:
 खबर शहडोल से तत्कालीन उप वनमण्डलाधिकारी पाली के ऊपर बदनाम करने की नियत से उनके साख पे दाग लगाने के पीछे एक रेंजर का हाथ , वो एक DFO को अपने हुस्न के घेरे में लेकर चल रही चाल , जिसके ऊपर करोड़ो के शाशकीय राशि गमन करने का आरोप हो , नवलपुर से लेकर मेडिकल कॉलेज तक करोड़ो की असामी सम्पति बना कर रखी हो वो बेदाग छबि ब्यक्ति के ऊपर दाग लगाने में आमादा है , हालाँकि इस पूरे मामले में कुछ तथाकथित लोंगो का भी सपोर्ट है जिससे भ्रस्टाचारी रेंजर के हौसले बुलंद है ।
वक्त का रुख रुकता नही और न ही पीछे चलने को मजबूर होता है इसी तारतम्य में भ्रस्टाचारी रेंजर को तत्कालीन मुख्य वन संरच्छक वन व्रत्त शहडोल ने कई आरोपो से घिरी रेंजर को निलंबन का नोटिस दिया है ।
अब सूरज हंसेंगे , भ्रस्टाचारी रेंजर के आंसुओं को कौन देखेगा , चमकती धूप होगी , जुगनुओं को कौन देखेगा । भ्रस्टाचारी रेंजर अपनी इशारों में अपने नुमाइंदों को चलाने में शुमार है ,लोग चलने को मजबूर है पर उसको नही पता कि सड़क पे चलती लाल - पीली बत्ती को कौन देखेगा ? 
प्रभारी वन संरच्छक आर . एस . सिकरवार को तत्कालीन CCF का दिया निलंबन का शो काज नोटिस दिखता है या नही ये भी कुछ कहा नही जा सकता , हुस्न की नारियल में तो अच्छे - अच्छे भेंट चढ़ जाते है ।
एक पुरानी कहावत याद आई की , पढ़ाये पड़य न खूसर , नबाय नबय न मूसर , कुछ कहानी वन विभाग की इसी तरह है , सब कुछ जानते हुए भी भ्रष्टाचारी रेंजर को सरकछन  देने में कोई कमी नही कर रही है ।